₹250.00
MRPGenre
Pollitics & Current Affairs
Print Length
192 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2009
ISBN
9788170287872
Weight
405 Gram
दिवाला से दीवाली तक भारतीय रेल का कायाकल्प की कहानी भारतीय रेल विश्व की राबसे बडी रेल प्रणालियों में से एक है। इसका नेटवर्क 63 हजार किलोमीटर लम्बा है एवं इसमें 14 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। रेलवे के नेटवर्क की पलता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस पर चलने वाली (3 हजार गाडियों रोजाना चार बार चाँद तक आने-जाने के बराबर दूरी तय करती है । चार वर्ष की छोटी सी अवधि (वर्ष 2005, में 70 हजार करोड़ रुपये का नकद सरप्लस कमाने का आँखों देखा हाल बयान करतीं यह पुस्तक बताती है कि किस प्रकार रेलवे ने गरीब यात्रियो एवं कर्मचारियों की परेशानियाँ बढाए बिना 'दिवाला से दीवाली तक' का सफ़र तय किया। रेलवे का कायाकल्प इस बात का जीवंत प्रमाण है कि मृनिर्ष नेतृत्त्व एवं सहकर्मियों का साझा दृष्टिकोण, सकारात्मक सोच, कुछ नया कर गुज़रने की ललक एवं सामूहिक प्रयास के बल पर गंभीर से गंभीर सकटसे l
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