₹395.00
MRPGenre
Print Length
288 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2012
ISBN
9788170288039
Weight
325 Gram
श्रीमद्भगवद्गीता का कर्मयोग का संदेश युगों-युगों से भारतीय जनमानस को प्रेरणा देता आ रहा है। लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी ने तो उससे प्रेरणा ग्रहण की ही, खुदीराम बोस जैसे जुझारू क्रांतिकारियों ने भी गीता की प्रति हाथ में लेकर फांसी के फंदे को चूमा। अंग्रेज़ी तथा भारतीय भाषाओं में गीता के दर्जनों अनुवाद अब तक हो चुके हैं। किंतु कविता में गीता के अनुवाद की पहल 'मधुशाला' के अमर गायक व प्रख्यात कवि हरिवंशराय 'बच्चन' ने की। उन्होंने गीता के प्रत्येक श्लोक का मुक्त छंद में अनुवाद किया और साथ में मूल संस्कृत श्लोक भी दिया है जिससे पाठक गीता के श्लोकों के काव्यानुवाद का रसास्वादन कर सकेंगे।
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