चैतन्य महाप्रभु कृष्ण के अवतार माने गये हैं । 1486 में बंगाल के छोटे से गाँव में जन्मे चैतन्य महाप्रभु बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली थे l छोटी उम्र में ही उन्होंने सभी धार्मिक ग्रंथों का गहराई से अध्ययन कर उन्हें कंठस्थ भी कर लिया था। केवल अड़तालीस वर्ष के छोटे से जीवन काल में उन्हें अपने समय का सबसे महान और महत्त्वपूर्ण विद्वान माना जाता था । देश भर में भ्रमण करके उन्होंने संकीर्तन और 'हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण सो सो' का भूत मंत्र का संदेश देश के कोने-कोने में फैलाया । कृष्ण भक्ति में लीन होकर कृष्ण का नाम भजना और सत्यंसाथ आनंद में नाचना, इसकी शुरूआत उन्होंने ही की और यहीं आज दुनिया के कोने-कोने में इस्कॉन (151८०01१) के नाम से जाना जाता है । राजेन्द्र मोहन भटनागर ने अपनी इस कृति 'नौगाँव' के माध्यम से चैतन्य महाप्रभु के जीवन का ऐसा सुन्दर एवं सजीव चित्रण किया है कि पाठक इसको पड़ते समय यह अनुभव करता है किं यह चैतन्य महाप्रभु को अपने सामने चलता-फिरता और प्रवचन देता हुआ देख रहा है ।
Gaurang (गौरांग)
Price:
₹
350.00
Condition: New
Isbn: 9788170288206
Publisher: Rajpal and sons
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Novels & Short Stories,
Publishing Date / Year: 2009
No of Pages: 320
Weight: 500 Gram
Total Price: ₹ 350.00
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