₹50.00
MRPGenre
Print Length
128 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2013
ISBN
9789350640180
Weight
160 Gram
एक लेखक के रूप से रमेशचंद्र शाह की पहचान भले ही आलोचक और निबंधकार की है, किन्तु किसी कथा-आंदोलन से जुड़े बिना भी उन्होंने हिन्दी कहानी की विकास यात्रा में सार्थक और उल्लेखनीय हस्तक्षेप किया है । उनके पांच प्रकाशित कहानी-संग्रह इसकी पुष्टि करते है । पारम्परिक किस्सागोई से शुरु कर, चरित्र पठन, एकालाप आदि अनेक रंगतों से समृद्ध अपनी पचास से अधिक कहानियों में से चुन कर 1 1 कहानियों का यह कसा और गठा हुआ संकलन शाह जी ने "मेरी प्रिय कहानियाँ" पुस्तकमाला के लिए विशेष रूप से तैयार किया है । अपनी लेखनंप्रक्रिया और कहानी संबंधी अपनी मान्यताओं को रेखांकित करते हुए, संकलन के शुरु मेँ, लेखक ने विस्तृत भूमिका भी दी है l
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