₹175.00
MRPGenre
Novels & Short Stories
Print Length
144 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2012
ISBN
9789350640500
Weight
160 Gram
यशपाल की गणना हिन्दी साहित्य के निर्मात्ताओं में की जाती है । एक विचारधारा से जुड़े होने पर भी उनकी कहानियों और उपन्यासंजिंनकी संख्या काफी है-वहुत लोकप्रिय हुए और उन्होंने अपने ढंग से साहित्य को गहराई से प्रभावित क्रिया । प्रस्तुत संकलन में उन्होंने स्वयं अपने अनेक कहानी संग्रहों में से चुनकर श्रेष्ठ कहानियाँ दी हैं तथा भूमिका में अपने लेखन तथा विचारों पर प्रकाश डाला है ।
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