उन्तीसचीं सदी से भारतवर्ष कुरीतियों का शिकार था और मिथ्या ज्ञान तथा मिथ्या कल्पनाओं के सादे अंधकार से आच्छादित था। महर्षि दयानन्द की कृपा से भारत पर सत्यार्थप्रकाश का प्रचण्ड' मार्तण्ड चमका । सत्यार्थप्रकाश सत्य का महासोत है, बहुमूल्य विचार-रलों का रत्नाकर है और तर्क का अक्षय भंडार है । परन्तु दुख यह है कि सत्यार्थप्रकाश का जितना स्वाध्याय होना चाहिए था, उतना अभी तक हुआ नहीं । युवावस्था और वृद्धावस्था के लोग सच्चाई के इतने भिखारी नहीं होते जितने कि बालक हुआ करते है । बालकों के नरम मस्तिष्को पर सत्यार्थप्रकाश का यदि प्रभाव पड सके तो भारत के महारोग की निवृत्ति की शीघ्र सम्भावना ही सकती है । आजकल बालको को सत्यार्थप्रकाश के उज्जवल प्रकाश से लाने की प्रवृति बढ़ रही है । परन्तु अभी तक सत्यार्थप्रकाश का कोई ऐसा समुचित लघु रूप प्रकाशित नहीं हुआ जो सत्यार्थप् ।
Saral Satyarth Prakash (सरल सत्यार्थ प्रकाश)
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₹
625.00
Condition: New
Isbn: 9788170283973
Publisher: Rajpal and sons
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Novels & Short Stories,
Publishing Date / Year: 2014
No of Pages: 696
Weight: 150 Gram
Total Price: ₹ 625.00
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