₹160.00
MRPGenre
Print Length
192 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2014
ISBN
9788170281078
Weight
180 Gram
राजभाषा के मार्ग में चार कठिनाइयाँ है, प्रथम यह की जिस वर्ग को अंग्रेजी के कारण वरीयता मिली है वह वर्ग अंग्रेजी की समाप्ती नहीं चाहता। द्वितीय कठिनाई हिन्दी भाषा की ओर से है, वे लोग हिन्दी भाषा को इतर भारतीय भाषा से श्रेष्ठ मानते है। तीसरी कठिनाई उन युवकों के हैजो संस्कृत बिलकुल नहीं जानते और को अमरीकी भाषाशास्त्र का आयात करके ढकना चाहते है । प्रस्तुत पुस्तक की रचना इन्हीं परिस्थितियों तथा कठिनाइयों को ध्यान से रखकर की गई है । इसमें न तो व्याकरण के दाव-पेच अंकित किये गये हैं और न भाषा-विज्ञान के चित्र सजाये गये है यह प्रयत्न किया गया है कि 'व्यावहारिक हिन्दी' का ठीक, उचित एवं शुध्द रूप प्रस्तुत हो सके आशा है कि विश्वविद्यालयों की सामान्य परीक्षा एव प्रतियोगिता-परीक्षा में यह पुस्तक सहायक एवं उपयोगी सिध्द होगी ।
0
out of 5