₹110.00
MRPGenre
Novels & Short Stories, Memoir & Biography
Print Length
112 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2010
ISBN
9789350642344
Weight
100 Gram
अक्टूबर, 2012 को पन्द्रह वर्षीय मलाला युसूफज़ई पर पाकिस्तानी तालिबान अरिकिवादियों ने जानलेवा हमला किया । दोपहर को स्कूल से जाते समय आतंकवादी उसकी स्कूल बस में चढ़ गए और उस पर गोलियों की बौछार की l मलाला का कसूर सिर्फ इतना ही था कि वह चाहती थी कि वह हर रोज़ स्कूल जाए और शिक्षा प्राप्त केरे । लेकिन लड़कियों के लिए शिक्षा पाना और पुरूषों के साथ को से कंधा मिलाकर देश की जाति मेँ हिस्सा लेना तालिबान को मंजूर नहीं क्योंकि वे इसे शरीअत के खिलाफ मानते है । मलाला खुशकिस्मत थी कि वह बच गई । दुनिया-भर में इस हमले की जोरदार निंदा की गई । मलाला आज लडकियों की शिक्षा की मांग का प्रतीक बन गई है । पाकिस्तान की इस बहादुर बेटी की रोचक कहानी प्रस्तुत है इस पुस्तक में ।
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