इस चुलबुले और रोचक उपन्यास में एक बार फिर लेखक आर. के. नारायण ने अपने प्रिय स्थान 'मालगुडी' को पृष्ठभूमि में रखा है। मागैंय्या अपने आप को बहुत बड़ा वित्तीय सलाहकार समझता है लेकिन वास्तव में वह एक चलता पुर्ज़ा के अलावा कुछ नहीं जो औरों को सलाह मशवरा देकर, अनपढ़ किसानों को यह समझाकर कि कैसे वे बैंक से ऋण ले सकते हैं और तरह-तरह के छोटे-मोटे फार्म बेचकर अपनी अच्छी खासी आमदानी कर लेता है। उसका 'दफ्तर' है मालगुडी का बरगद का पेड़, जिसके नीचे वह अपनी कलम, स्याही की दवात और टीन का बक्सा लेकर बैठता है और शायद आपको आज भी बैठा मिलेगा...... आर. के. नारायण शायद अंग्रेज़ी के ऐसे पहले भारतीय लेखक हैं जिनके लेखन ने केवल भारतीय बल्कि विदेशी पाठकों में भी अपनी जगह बनाई। उन्होंने अपने उपन्यासों और कहानियों के लिए न केवल रोचक विषयों को चुना, बल्कि उन्हें अपने चुटीले संवादों से इतना चटपटा भी बना दिया कि जिसने भी उन्हें एक बार पढ़ा उसमें नारायण की रचनाओं को पढ़ने की चाहत और बढ़ गई।
Maalgudi Ka Chalta Purza (मालगुडी का चलता पुर्ज़ा)
Author: R. K. Narayan (आर. के. नारायण)
Price:
₹
250.00
Condition: New
Isbn: 9789350640920
Publisher: Rajpal and sons
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Novels & Short Stories,
Publishing Date / Year: 2013
No of Pages: 192
Weight: 100 Gram
Total Price: ₹ 250.00
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