₹60.00
MRPGenre
Print Length
16 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2014
ISBN
9789350642399
Weight
100 Gram
अनगिनत देवी-देवताओं में से शिव सवसे अधिक लोकप्रिय हैं। महादेव के नाम से भी जाने जानेवाले शिव, विष्णु और ब्रद्मा के साथ हिन्दू देवताओं के त्रिमूर्ति माने जाते हैं । शिव के अनेक नियंत्रण रखनेवाले एक ब्रह्मचारी योगी हैं जो दुनिया का विनाज्ञ करने की क्षमता रखते हैं तो दूसरी ओर अपनी पत्नी और पुत्रों के साथ गृहस्थ आश्रम का आनन्द भोगते हुए गृहस्थी हैं। इनमें से कौन-सा है शिव का वास्तविक रूप माथे पर तीसरी आँख, गर्दन में सर्प, शीश पर अर्द्धवन्द्र, केशों से वहती गंगा और हाथों में ज्रिशूल और डमरू-इन सब प्रतीकों का क्या अर्थ है? शिव के अनेक रूप और प्रतीकों के पीछे छिपे हैं हमारे पौराणिक अतीत के अनेक रहस्य जिनमें से सात को समझने का प्रयास इस पुस्तक में किया गया है।
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