By Vishwambharnath Sharma Kaushik (विश्वम्भरनाथ शर्मा कौशिक)
By Vishwambharnath Sharma Kaushik (विश्वम्भरनाथ शर्मा कौशिक)
₹750.00
MRPGenre
Novels & Short Stories
Print Length
184 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2011
ISBN
9788174831514
Weight
100 Gram
ताई हिन्दी कहानियों में एक मील का पत्थर मानी जाती है। इसके कहानीकार विश्वस्मरनाथ शर्मा कौशिक की गणना प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, गुलेरी के साथ आधुनिक हिन्दी कहानी के निर्मातीओं में की जाती है। प्रत्येक लेखकने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई । जहाँ प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद का नाम हिन्दी साहित्य में आज़ भी बहुत लोकप्रिय है जोर उनका साहित्य आसानी से उपलब्ध है, वहीं कौशिक जी की रचनाएँ पाठक की नज़रों से कुछ ओझल-सी हो गई हैं। उनकी कहानियों का यह संकलन इस अभाव को पूरा करता है। बिश्वम्भरनग्रथ शर्मा कौशिक की अधिकांश कहानियों उत्तर भारत के सामाजिक जीवन का चित्रण करती हैं। यादगार चरित्रों को पैदा करना कौशिक जी की विशेषता थी और वे अपने पात्रों को अपनी कहानियों के माध्यम से इस तरह जीवंत कस्ते थे कि पाठक को वर्षों तक याद रहे।
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