डा. राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक और विचारक थे। भारतीय संस्कृति के वे मूर्धन्य व्याख्याता तथा उसके समर्थक थे। भारतीय संस्कृति का वास्तविक स्वरूप उन्होंने विश्व के सामने प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया। भारतीय संस्कृति की प्रमुख विशेषता यह है कि वह मानव के उद्बोधन का मार्ग प्रशस्त करती है। भारतीय संस्कृति धर्म को जीवन से अलग करने की बात नहीं मानती, अपितु वह मानती है कि धर्म ही जीवन की ओर ले जाने वाला मार्ग है और उसे बताती है कि उससे किसी को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं-क्योंकि मानव जिन विचारों से भयभीत होता है, वे तो स्वयं उसके अन्तर में छिपे हुए हैं। मानव को उन्हीं पर विजय प्राप्त करनी है। भारतीय संस्कृति यह भी नहीं कहती कि मानव की महत्ता कभी न गिरने में है, वरन् मानव की महत्ता इस बात में है कि वह गिरने पर भी उठकर खड़ा होने में समर्थ है। उसकी महानता इस बात से आंकी जाती है कि वह अपनी दुर्बलताओं पर प्रभुत्व पाने में कहाँ तक समर्थ है।
Bhartiya Sanskriti - Kuch Vichar (भारतीय संस्कृति-कुछ विचार)
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Condition: New
Isbn: 9789350640777
Publisher: Rajpal and sons
Binding: Paperback
Language: Hindi
Genre: Culture & Religion,
Publishing Date / Year: 2013
No of Pages: 104
Weight: 254 Gram
Total Price: ₹ 50.00
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