मैं गुमशुदा कहानी है डिक्टेटिव गी रोलाँ की, जो अपना असली अस्तित्व और बीती ज़िन्दगी की हकीकत जानने की खोज पर निकल पड़ता है। गी रोलाँ अपनी याददाश्त खो चुका है और शायद इसलिए अपने अतीत को जानना-समझना उसके लिए बहुत ज़रूरी है। जैसे-जैसे गी अपने जीवन के बीते वर्षों की परतें हटाता है तो उसे लगता है कि वह अपनी ज़िन्दगी में कई रूप, कई अस्तित्व धारण कर चुका है। मैं गुमशुदा, 2014 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लेखक पाट्रिक मोदिआनो का सबसे महत्त्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है 1978 में प्रकाशित यह उनका छठा उपन्यास है और उसी वर्ष इसे Prix Goncourt पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पाट्रिक मोदिआनो की गिनती फ्रांस के सबसे महत्त्वपूर्ण लेखकों में की जाती है और अब तक उनकी तीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनके अधिकांश उपन्यासों में मुख्य पात्रा अपने अस्तित्व, बीती हुई यादें, पीछे छूटे लम्हों की खोज में लगे होते हैं। 30 जुलाई 1945 को जन्मे पाट्रिक मोदिआनो का बचपन उनके नाना-नानी के घर में बीता। छोटी उम्र में उनके माता-पिता का अलग हो जाना और छोटे भाई की मृत्यु - इन सब बातों का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा और जिसकी झलक उनके हर उपन्यास में दिखती है। वे उन गिने-चुने लेखकों में से हैं जिनको आलोचकों और पाठकों, दोनों के बीच समर्थन और लोकप्रियता मिली है। फ्रांस में उन्हें साहित्य में योगदान के लिए 2010 में Prix Mondial Cino Del Duca, 2012 में Austrian State Prize for European Literature और 2014 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी कृतियाँ विश्व की 30 भाषाओें में अनूदित हो चुकी हैं।
Main Gumshuda (मैं गुमशुदा)
Price:
₹
245.00
Condition: New
Isbn: 9789350643419
Publisher: Rajpal and sons
Binding: Paperback
Language: Hindi
Genre: Novels & Short Stories,Crime & Mystery,
Publishing Date / Year: 2016
No of Pages: 192
Weight: 342 Gram
Total Price: ₹ 245.00
Reviews
There are no reviews yet.