₹275.00
MRPGenre
Novels & Short Stories, Memoir & Biography, Pollitics & Current Affairs
Print Length
268 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2012
ISBN
9789386228024
Weight
100 Gram
एक सफ़रनामा, जिसमें एक नौजवान अपने गांव से चल कर देश की राजधानी तक पहुंचता है और गरीबी का जीवन जीते हुए वह प्रतिरोध की ताकत बन जाता है। फरवरी 2016 में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार राजद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार हुए, जेल गए और पटियाला हाउस कोर्ट में वकीलों ने उन्हें पीटा। इस संकट से वे एक युवा राजनीतिक चेहरा बन कर उभरे, जिसे बीबीसी ने भारत का एक ऐसा छात्र बताया, जिसे लोगों ने सबसे ज़्यादा प्यार भी किया और नफ़रत भी। यह उनकी कहानी है-बिहार के अपने गांव में बिताए बचपन और पटना में कालेज के दिनों से लेकर दिल्ली में राजनीति के केंद्र में आने तक की कहानी। इसे वे अपने असाधारण जीवंत और चुटीले अंदाज़ में सुनाते हैं, जो भावनाओं से भरपूर और बेबाक है। बिहार से तिहाड़ इस देश में लिखे गए सबसे असाधारण संस्मरणों में से एक है-अपने जीवन की कहानी लिखते हुए कन्हैया ने गांवों और कस्बों से आने वाले नौजवानों की उम्मीदों और सपनों को आवाज़ दी है।
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