₹350.00
MRPGenre
Print Length
224 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2024
ISBN
9789350642818
Weight
304 Gram
अगर सारी कठिनाइयों से हार न मान कर मैं इतना कुछ हासिल कर सका हूँ तो कोई और भी ऐसा कर सकता है- यही संदेश है जो मैं इस पुस्तक के ज़रिये अपने देश के युवाओं को देना चाहता हूँ। इस पुस्तक से प्रेरित होकर यदि एक भी युवा अपना सपना हासिल कर लेता है तो मैं मानूँगा कि इसे लिखने का मेरा प्रयास सफल हुआ। यह पुस्तक देश-भर से प्राप्त युवाओं के ई-मेल और उनके प्रश्नों पर आधारित है और मेरे जबाब मेरे जीवन के अनुभव और जो कुछ मैंने लिखा है- उस सबका सार है और ये इस तरह पेश किए गए है कि मिलती-जुलती समस्याओं का सामना कर रहे किसी भी पाठक के लिए जवाबों मे छुपे संदेश कारगार हो सकें।
-इस पुस्तक की भूमिका से
2002 से लेकर 2007 तक डॉ. ए. पी. जे अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति रहे। राष्ट्रपति पद पर रहते हुए वह जितने लोकप्रिय तब थे उतने ही आज भी हैं। प्रेरणा, सलाह, मार्गदर्शन या फिर एक जुड़ाव के अहसास के लिए लोग उनसे संपर्क करते हैं। उनकी सोच, उनके जीवन -मूल्य और समस्याओं के समाधान उनके अपने जीवन की कठिन राह पर चलते हुए सच्चाई की कसौटी पर खरे उतरे वे सबक हैं जिनसे हम सब बहुत कुछ सीख सकते हैं।
व्यक्तिगत विकास की चुनौती- जिसका हम सब अपनी जिंदगी मे हर रोज़ सामना करते हैं-से शुरुआत करते हुए समाज और राष्ट्र के बहुयामी, जटिल सवालों से जूझने तक यह पुस्तक सम्पूर्ण और सार्थक जिंदगी जीने की प्रेरणा देती है।
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