₹375.00
MRPPrint Length
160 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2016
ISBN
9789350643815
Weight
380 Gram
अगर आपको मेरी कहानियाँ अश्लील या गन्दी लगती है , तो जिस समाज में आप रह रहे है , वह अश्लील और गन्दा है। मेरी कहानियाँ तो केवल सच दर्शाती है .....अक्सर ऐसा कहते थे मंटो जब उन पर अश्लीलता के इल्ज़ाम लगते। बेबाक सच लिखने वाले मंटो बहुत से ऐसे मुद्दों पर भी लिखते जिन्हें उस समय के समाज में बंद दरवाज़ों के पीछे दबा कर, छुपा कर रखा जाता था। सच सामने लाने के साथ, कहानी कहने की अपनी बेमिसाल अदा और उर्दू जबान पर बेजोड़ पकड़ ने सआदत हसन मंटो को कहानी का बेताज बादशाह बना दिया। मात्र 43 सालों की ज़िन्दगी में उन्होंने 200 से अधिक कहानियाँ, एक उपन्यास, तीन निबन्ध संग्रह और अनेक नाटक ,रेडियो और फिल्म पटकथाएं लिखीं। फ्रेंच और रूसी लेखको से प्रभावित, वामपंथी सोच वाले मंटो के लेखन में सच्चाई को पेश करने की ताकत है जो लम्बे अरसे तक पाठक के दिलो दिमाग पर अपनी पकड़ बनाए रखती है। 2012 मे पूरे हिंदुस्तान में मनाई गयी मंटो की जन्म-शताब्दी इस बात का सबूत है की मंटो आज भी अपने पाठकों और प्रशंसकों के लिए ज़िंदा हैं।
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