₹195.00
MRPGenre
Print Length
208 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2017
ISBN
9789350643648
Weight
288 Gram
‘फ़िराक़’ साहब ने अनगिनत ग़ज़लें, नज़्में, रुबाइयाँ, कत्ए इत्यादि लिखे हैं। समालोचक भी वह उच्चकोटि के थे लेकिन स्मरण वे सदा अपनी ग़ज़लों और ग़ज़लों के उन शे’रों के कारण किए जाएंगे जिनकी संख्या सैकड़ों तक पहुंचती है और जो निस्संदेह क्लासिक का दर्जा रखते हैं, उन्हीं शे’रों के कारण जिनमें तसव्वुफ़ ग़ज़ल की परम्परागत कथावस्तु से लेकर राजनीति और वर्ग-संघर्ष तक सभी कुछ है। मशहूर शायर फ़िराक़ गोरखपुरी की चुनी हुई बेहतरीन ग़ज़लों का संकलन है सरगम । इसमें सम्मिलित ग़ज़लें फ़िराक़ साहब ने स्वयं चुनी थीं। फ़िराक़ से पहले उर्दू शायरी में करुण और शान्त रस का ऐसा अनोखा संगम कभी-कभार ग़ालिब और मीर जैसे महान शायरों की शायरी में ही देखने को मिलता है। सरगम की ग़ज़लों में प्रेम और सौन्दर्य के सम्बन्धों और प्रतिक्रियाओं की जो अनुगूँजें सुनाई देती हैं वे मन की गहराइयों में उतर जाती हैं। इन अनुगूँजों में संगीत है, सहजता है और धरती की सुगन्ध भी है। उर्दू शायरी के इतिहास में फ़िराक़ गोरखपुरी का आगमन एक युगान्तरकारी घटना के रूप में दर्ज है। उर्दू शायरी की लगभग ढाई सौ साल पुरानी परम्परा का पूरा-पूरा ध्यान रखते हुए उसे एक नई आवाज़, नया स्वर देना फ़िराक़ की कलम का सबसे बड़ा योगदान है।
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