Tulsidas - Kaljayi Kavi Aur Unka Kavya (तुलसीदास - कालजयी कवि और उनका काव्य)

By Madhav Hada (माधव हाड़ा)

Tulsidas - Kaljayi Kavi Aur Unka Kavya (तुलसीदास - कालजयी कवि और उनका काव्य)

By Madhav Hada (माधव हाड़ा)

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Specifications

Genre

General

Print Length

144 pages

Language

Hindi

Publisher

Rajpal and sons

Publication date

1 January 2023

ISBN

9788195297504

Weight

224 Gram

Description

गागर में सागर की तरह इस पुस्तक में हिन्दी के कालजयी कवियों की विशाल काव्य-रचना में से श्रेष्ठतम और प्रतिनिधि काव्य का संकलन विस्तृत विवेचन के साथ प्रस्तुत है। रामायण को लोकभाषा में लिखकर साधारण जनमानस के हृदय में स्थान बनाने वाले तुलसीदास अपनी अद्भुत मेधा और काव्य प्रतिभा के लिए भक्तिकाल के सबसे बड़े कवि माने गए। उन्होंने परम्परा के दायरे में रहकर अपने समय और समाज के लिए उचित भक्ति पद्धति और दर्शन का विकास किया जिसमें समन्वय की अपार चेष्टा थी। अपने समय के विभिन्न मत-मतान्तरों के संघर्ष और प्रतिद्वंद्विता का उन्होंने अपनी रचनाओं में शमन और परिहार किया। प्रस्तुत चयन में तुलसीदास के यश का आधार मानी जाने वाली कृतियों - ‘रामचरितमानस’, ‘विनय पत्रिका’, ‘कवितावली’, ‘गीतावली’, ‘दोहावली’ और ‘बरवै रामायण’ से चुनकर उनके श्रेष्ठ काव्य को प्रस्तुत किया गया है। इनमें तुलसीदास की काव्य कला की विशेषताओं को देखा जा सकता है जहाँ कविता लोकप्रिय होकर जनसामान्य का कंठहार बनी और शास्त्र की कसौटी पर भी खरी उतरी। इस चयन का सम्पादन डॉ. माधव हाड़ा ने किया है जिनकी ख्याति भक्तिकाल के मर्मज्ञ विद्वान के रूप में है। उदयपुर विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर और हिंन्दी विभाग के अध्यक्ष रहे डॉ. हाड़ा मध्यकालीन साहित्य और कविता के विशेषज्ञ हैं। वह इन दिनों भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में फ़ैलो हैं।


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