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Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Wali Dakni (लोकप्रिय शायर और उनकी शायरी - वाली डाकनी)

Price: ₹ 175.00

Condition: New

Isbn: 9789393267061

Publisher: Rajpal and sons

Binding: Paperback

Language: Hindi

Genre: Poerty,General,

Publishing Date / Year: 2023

No of Pages: 112

Weight: 192 Gram

Total Price: 175.00

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इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ उठाने का अवसर प्रदान किया। श्रृंखला की हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिये हैं; और साथ ही हर शायर के जीवन और लेखन पर रोचक भूमिका भी है। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है। वली मोहम्मद वली (1667 - 1707) को वली दकनी, वली औरंगाबादी और वली गुजराती के नामों से भी जाना जाता है। उर्दू भाषा में ग़ज़ल कहने वाले वली पहले शायर थे, इससे पहले ग़ज़ल फ़ारसी में ही कही जाती थी। इसी कारण उन्हें उर्दू का आदिकवि माना जाता है। वली की शायरी ने उत्तर भारत की उर्दू शायरी पर इतना गहरा प्रभाव छोड़ा कि उन्हें यहाँ के शायरों को राह दिखाने वाले महान शायर के रूप में सदैव याद किया जायेगा। यहाँ तक कि मीर तक़ी मीर जैसे शायर ने अपने विकास में वली के योगदान को स्वीकार किया है और उन्हें ‘ख़ुदा-ए-सुखन’ कहा।