इस पुस्तक में गांधीजी कि रेल यात्राओ को चित्र समान लिखो के माध्यम से वर्णित किया गया है. रेल्वे बोर्ड के भूतपूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में राष्ट्रिय गांधी संग्रहालय के निदेशक ड. वाई. पी. आनन्द ने प्रस्तुत पुस्तक का संपादन किया हैl यह पुस्तक इस बात कि भी व्याख्या करती है कि गांधीजी अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "हिन्दी सवराज" (१९०९) में ब्रिटिश भरतीय रेलवे के. प्रति क्यों इतने आलोचनात्मक थे, जिसमे उन्होंने रेल्वे को वकीलो और डाक्टरो के साथ मिलकर उसे अंग्रेजो को भारत का शोषण करने और सम्राज्यवादी शक्तियो के अधीन बनाये रखने में सहायता करने का दोषी माना है. अब समय बदल गया है और स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात से ही, भारतीय रेल, सम्भवत: सशस्त्र सेनाओ के बाद देश और इसकी जनता कि सेवा में सबसे आगे है l रेलवे के सम्माननीय यात्री महात्मा गांधी के रेलवे पर लिखे गए विचारो कि इस संपादित पुस्तक को समग्र विश्व में रेलकर्मी और रेलयात्री पढ़ेगे - ऐसा हमें विश्वास है।
Mahatma Gandhi Aur Railway (महात्मा गांधी और रेलवे)
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100.00
Condition: New
Isbn: 9788172293239
Publisher: Navajivan Trust
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: History,Literature and Language,
Publishing Date / Year: 2000
No of Pages: 95
Total Price: ₹ 100.00
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