महात्मा गांधी:पूर्णाहुति' का इतिहास कुछ आकस्मिक स्व्रूपका है। 'ए पिल्ग्रिमेज फॉर पीस ' (ज्ञातियात्रा) अनुसंधनमे इस पुस्तक में लिखा गया है। और इस में अहिंसाका प्रचार और प्रसार करनेके गांधीजीके मिशनका वर्णन किया गया है। इस पुस्तक में गांधीजीके बिहारके ज्ञान्ति और सान्त्वनाके मिशनकी कहानी भी शामिल कर ली गई है। इसलिए गांधीजीके नोआखाली तथा बिहारके शांति-मिशनकी कथाके लिए भी इस पुस्तक में कहा गया है। गांधीजी के जीवन के हर मिशन को इस पुस्तकमे विस्तृत और अधिकृत से कहानी पाठकोंको भेट कि जाय। इस पुस्तके चार भाग है इस में सब गांधीजीकी पूरी कहनी दीगई है। गांधीजीके जीवनका यह अंतिम भाग ऐसा है, जिसमे उनकी आध्यात्मिक शक्तिया परिपक्वताके शिखर पर पहुंचकर काम करती दिखाई देती है। गाधिजीकीए शक्तिया उस आत्मबलके रहस्यकी शोध करनेवाले उनके चित और आत्माकी अंतिम गतिकी झाकी हमें कराती है, जो आत्मबल अशुबल तथा साताको अंकुशमे रख सकता है और अशुबलकीचानोटिका तथा लोकतंत्र और विपुलता, समानता और व्यक्ति-स्वातंत्र्य, प्रगति और ज्ञातिके बिच रहे विरोधका -ये सब विरोध आजकी दुनियाके समक्ष खड़े है - उतर दे सकता है। इस कारण इस के चार खण्ड बने और इसमें गांधीजी के हर मिशन दिये गये है।
Mahatma Gandhi Purnahuti: Part 1 - 4 (महात्मा गांधी पूर्णाहुति: पार्ट १ - ४)
Author: Pyarelal (प्यारेलाल)
Price:
₹
1600.00
Condition: New
Isbn: 9788172297725
Publisher: Navajivan Trust
Binding: Paperback
Language: Hindi
Genre: History,
Publishing Date / Year: 2002
No of Pages: 2174
Total Price: ₹ 1600.00
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