₹30.00
MRPGenre
Print Length
215 pages
Language
Hindi
Publisher
Navajivan Trust
Publication date
1 January 2007
ISBN
9788172292638
श्रुति कहती हे कि , “ईश्वर एक है,किन्तु परन्तु भक्त लोग आपनी चित्रवृत्तिके अनुसार अलग अलग नाम-रूपसे उसकी उपासना करते है |” यह सनातन सत्य जिन लोगोने पाया, उन पर यहाँ जिन्मेदारी आ पड़ी है कि वे आपने जीवनमें सर्व-धर्म-संभाव और विश्व-बन्धुत्वका विकास करें |
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