स्व-धर्म' के तत्व का पालन करते हुए हमारे आश्रम ने सब धर्मो और पन्थो के प्रति आदर रखने का व्रत लिया है। उसके अनुसार आश्रम में उभय संध्याकाल को जो उपासना या प्रार्थना की जाती है उसका यह संग्रह है। आश्रम का जीवन जैसा समृद्ध होता गया, वैसा यह भजन-संग्रह भी बढ़ता गया है। हम प्रार्थना करते है की हमारी यह वाङ्मयी उपासना प्रभु को प्रिया हो।
Aashram - Bhajnavali (आश्रम - भजनावलि)
Author: Narsinh Mehta (नरसिंह मेहता)
Price:
₹
30.00
Condition: New
Isbn: 9788172290047
Publisher: Navajivan Trust
Binding: Paperback
Language: Hindi
Genre: History,Poetry,
Publishing Date / Year: 2013
No of Pages: 270
Total Price: ₹ 30.00
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