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MRPभारतमें सूर्योपासनाका इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। गणेश, शिव, शक्ति, विष्णुआदिपुराण-प्रसिद्ध देवताओंमें भगवान्सूर्य देव अन्यतम हैं। पुराणोंमें द्वादशमा सादित्योंके रूपमें भगवान्सूर्यके बारह स्वरूपोंकी सुन्दर चर्चा है। इस पुस्तकमें मासादित्योंके रूपमें भगवान्सूर्यके बारह स्वरूपोंके अलग-अलग ध्यान, परिचय, लीला कथा तथा व्रतादिका सरल भाषामें सुन्दर चित्रण किया गया है। प्रत्येक मासादित्य-परिचयके बायें पृष्ठ पर सुन्दर आर्टपेपर पर शास्त्रीय नियमोंके अनुसार बनवाये गये उनके उपासना योग्य आकर्षक चित्र भी दिये गये हैं। पुस्तक के अन्तमें सूर्य स्तोत्र भी संगृहीत है।
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