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MRPगीता - प्रबोधनी ब्रह्मलीन श्रद्धेय स्वामी श्रीरामसुखदासजी महाराजके द्वारा प्रणीत गीताकी इस टीकामें श्लोक, श्लोकार्थ और कुछ श्लोकोंकी संक्षेपमें व्याख्या दी गयी है। यह टीका नित्यपाठ तथा यात्रादिमें साथ रखनेकी दृष्टिसे विशेष सुविधाजनक है।
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