₹199.00
MRPGenre
Print Length
128 pages
Language
Hindi
Publisher
Manjul Publication
Publication date
1 January 2024
ISBN
9789355434708
Weight
208 Gram
आज का आदमी काम के बोझ और मानसिक तनाव से ग्रस्त रहता है, यह उसकी मजबूरी है। अत्यधिक श्रम, व्यापार-धंधे मे आर्थिक नुकसान, प्रियजनों का वियोग, दुःख मे डूबे रहना, प्रतिकूल परिस्थितियां, विपत्तियों का भार, विचारो को अंदर ही अंदर घोटना आदि कई कारणों से मनुष्य मे उदासीनता, खिन्नता और चिड़चिड़ापन बढ़ता जा रहा है। ऐसे मनुष्य जीवन को भार के समान निराशा और कायरता के रूप मे ढोते हैं। क्रोध, घृणा, ईर्ष्या, भय की प्रतिक्रिया शरीर पर होती है, जिससे ग्रंथियों के स्वाभाविक कार्यों मे रुकावट आकर कुछ समय के पश्चात शरीर बीमारियों का घर बन जाता है। मन आत्मा का स्थूल रूप है और शरीर मन का। अतः आरोग्य होने के लिए मन और शरीर का स्वस्थ होना आवश्यक है। लेखक ने अपने अनुभव, अनुसंधान, परीक्षणों तथा वर्षों के अध्ययन के पश्चात इसका वर्णन इस पुस्तक मे करने का प्रयास किया है।
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