Ramcharitmanas: Natya Roop (रामचरितमानस: नाट्यरूप)

By Pramod Kumar Agraval (प्रमोद कुमार अग्रवाल)

Ramcharitmanas: Natya Roop (रामचरितमानस: नाट्यरूप)

By Pramod Kumar Agraval (प्रमोद कुमार अग्रवाल)

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Specifications

Print Length

584 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2013

ISBN

9789350484647

Weight

750 Gram

Description

तुलसीकृत ‘रामचरितमानस’ भारतीयों के गले का हार है, आदर्श व अनुकरणीय है| रामचरितमानस में स्थापित आदर्शों का अनुसरण होता है| रामचरितमानस के धीरोदात्त नायक राम का जीवन तो भारतीयों के लिए एक आदर्श जीवन है| वे एक आदर्श मित्र, आदर्श भाई, आदर्श पुत्र, आदर्श शिष्य, आदर्श प्रजापालक एवं आदर्श राजा थे| उनके द्वारा स्थापित रामराज्य आज भी भारत का राष्‍ट्रीय लक्ष्य है, जिसे हमें प्राप्‍त करना है| ‘रामचरितमानस’ विश्‍व का सर्वश्रेष्‍ठ महाकाव्य ही नहीं है, यह व्यक्‍ति के लिए एक आचरण-संहिता भी है, जिसके प्रत्येक पृष्‍ठ पर जीवन-निर्माण के सूत्र सुसज्जित हैं| आजकल के पाठक को सरल रूप से पढ़ने और आसानी से समझने के लिए इसे नाट्य रूप में प्रस्तुत किया गया है| पृष्‍ठभूमि को यथारूप में रखने के लिए एक नए पात्र ‘रमायणी’ की अवधारणा की गई है, जो रामलीला के मंचन के समय अनिवार्य रूप से उपस्थित रहता है| आशा है, यह कृति दृश्य एवं श्रव्य प्रसार माध्यमों द्वारा जन-जन तक पहुँचेगी तथा असंख्य लोग इस कृति से अनमोल मोती ग्रहण करके अपने जीवन को सफल बनाकर समाज को समुन्नत करने में अपना योगदान देंगे|


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