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Print Length
480 pages
Language
Hindi
Publisher
Gita Press
चैतन्य-चरितावली ग्रन्थाकार—परम संत श्रीप्रभुदत्तजी ब्रह्म चारीद्वारा प्रणीत यह ग्रन्थ श्रीचैतन्यदेवके सम्पूर्ण जीवन-चरित्रकी सुन्दर वाङ् मयी परिक्रमा है। इसमें कीर्तनके रंगमें रँगे महाप्रभुकी लीलाएँ, अधमोंके उद्धारकी घटनाएँ, श्रीचैतन्यमें विभिन्न भगवद्भावोंका आवेश, यवनोंको भी पावन करनेकी कथा, श्रीवास, पुण्डरीक, हरिदासआदि भक्तोंके चरित्र, श्रीरघुनाथका गृह-त्याग आदि अलौकिक प्रेमपूर्ण घटनाओंको पढक़र हृदय प्रेम-समुद्रमें डुबकी लगाने लगता है। वास्तवमें महाप्रभुका सम्पूर्ण जीवन-चरित्र भगवद्भक्तिका महामन्त्र है।
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