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Nirdhan Ka Ann (निर्धन का अन्न)

Price: ₹ 300.00

Condition: New

Isbn: 9789350481943

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: Novels And Short Stories,

Publishing Date / Year: 2012

No of Pages: 168

Weight: 380 Gram

Total Price: 300.00

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खाद्य सुरक्षा बढ़ाना और छोटे किसानों की फसल बाजार तक समय से पहुँचाकर उन्हें उनके श्रम का सही मूल्य दिलवाना, एक वैज्ञानिक, नीति-निर्माता और प्रशासक के रूप में डॉ. विलियम दर के प्रमुख लक्ष्य रहे हैं| उनकी आत्मकथा 'निर्धन का अन्न' में वंचितों के प्रति चिंता को आवाज देने के लिए व्यक्‍तिगत अनुभवों का सहारा लिया गया है| इसमें कृषि जगत् के महत्त्वपूर्ण मुद‍्दे शामिल किए गए हैं| विशेष रूप से 'अनाथ फसलों' और 'छिपी भूख' के अभिनव सिद्धांतों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है| विश्‍व के सात अरब लोगों में से एक अरब से भी अधिक भुखमरी से ग्रस्त या कुपोषित हैं| इस पुस्तक में समकालीन कृषि को प्रभावित करनेवाले राजनीतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मुद‍्दों-सीमा-शुल्क तथा कृषि सब्सिडी, जल प्रदूषण, जैविक ईंधन, जैनेटिक रूप से परिष्कृत संरचनाओं के पहलुओं और समस्याओं, मशीनी खेती के विरुद्ध बढ़ते विरोध तथा टिकाऊ तरीकों के प्रति बढ़ती प्रासंगिकता की गंभीरता से जाँच-परख की गई है| सन् 2050 तक विश्‍व की जनसंख्या 9 अरब से अधिक हो जाने का अनुमान है| डॉ. दर का यह निष्कर्ष महत्त्वपूर्ण है कि निर्धन को भी अन्न मिले, इसके लिए सिर्फ प्रौद्योगिकी और विज्ञान ही व्यावहारिक समाधान नहीं हैं-कृषि प्रबंधन की सोच में बदलाव, ठोस नीतियों और संस्थाओं के कुशल संचालन की भी महती आवश्यकता है|