₹400.00
MRPGenre
Print Length
268 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2018
ISBN
9788170285021
Weight
488 Gram
भारत की माटी मेरा स्वर्ग है, भारत का कल्याण ही मेरा कल्याण है फेंक दे यह शंख बजाना, छोड़ दे प्रशस्ति गान करना यदि तेरे पास दो वक्त की रोटी न हो -ये शब्द उस तेजस्वी संन्यासी के हैं जो हमारी सांरकृतिक तथा राजनीतिक स्वाधीनता के जनक थे भारतीय नवजागरण के अग्रदूत स्वामी विवेकानन्द के विलक्षण प्रभावी जीवन पर आधारित सांस्कृतिक उपन्यास...
0
out of 5