₹40.00
MRPPrint Length
100 pages
Language
Hindi
Publisher
Navajivan Trust
Publication date
1 January 2013
ISBN
9788172293727
मेरी जीवन कथा ' पाठशाला के विधार्थियो के लिये तैयार कि गई किताब है। उन्होंने प्रत्येक प्रकण से स्वाध्याय के प्रशन भी निकालकर दिए है। मुझे आत्मकथा कहा लिखनी है ! मुझे तो आत्मकथा के बहाने सत्य के मैंने जो उनेक प्रयोग किये है उनकी कथा लिखनी है। उसमे मेरा जीवन ओतप्रोत होने के कारण जीवन कथा जैसा हो जाये ; मगर यह सही है कि राजनीतिक क्षेत्र के मेरे प्रयोग अब तो सारा हिन्दुस्तान जनता है। किन्तु मेरे आध्यात्मिक प्रयोग, जो मै ही जन सकूं और जिसमे से मेरी राजनितिक क्षेत्र कि शक्ति भी पैदा हुई है उन प्रयोगो का वर्णन कर लेना मुझे पसंद आयेगा। मेरे प्रयोग गुप्त हुए है, बल्कि हुए भी नहीं है। ये सब देख सके उसमे मुझे उसकी आध्यात्मिकता कम हुई है, ऐसा है,बल्कि हुए भी नहीं है। ये सब देख सके उसमे मुझे उसकी आध्यात्मिकता कम हुई है, ऐसा नहीं लगता। मेरे प्रयोगो में तो आध्यात्मिक यानि नैतिक, धर्म यानि नीति, आत्मा की द्रष्टि में पालन ही हुई निति वाही धर्म है। अथार्त जिन चीजो का निर्णय बच्चे,युवा और बूढ़े करते है और कर सकते है उसे चीजो का ही इस पुस्तक में समावेश किया गया है।
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