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Jo Kaha Nahin Gaya (जो कहा नहीं गया)

Price: ₹ 275.00

Condition: New

Isbn: 9789386534842

Publisher: Rajpal and sons

Binding: Paperback

Language: Hindi

Genre: Memoir and Biography,Literature and Language,

Publishing Date / Year: 2019

No of Pages: 208

Weight: 288 Gram

Total Price: 275.00

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इस पुस्तक पर कुछ सम्मतियाँ मेरे लिए इतना कहना काफी है कि मेरे परिवेश से अलग परिवेश में जीने वाली औरत सोने के जेवर गढ़वाने की जगह शब्दों के मोती जड़ने में व्यस्त है। उस मोती के सच्चे-झूठे होने और साहित्य के मानक पर कसने का काम आने वाला समय करेगा।’’ - नासिरा शर्मा, वरिष्ठ लेखिका कुसुम अंसल की आत्मकथा का शीर्षक हिन्दी साहित्य में स्त्री आत्मकथा का प्रवेशद्वार है, इससे पहले हिन्दी में किसी महिला रचनाकार की आत्मकथा नहीं आई थी। इस विधा में लेखन की शुरुआत का श्रेय कुसुम अंसल को है। आत्मकथाकार ने अपने रचनात्मक विस्तार में जिस निजत्व को परार्थ नहीं खोला था अब तक वह अनकहा आत्मकथा द्वारा अनावृत हो रहा है।’’ - डा. दया दीक्षित, वाङ्मय जो कहा नहीं गया’ एक विशेष प्रकार की विनम्रता समूची आत्मकथा में सुगंध की तरह बसी हुई है। समूची आत्मकथा में कल्पना का असत्य जैसा कुछ नहीं है यही इसका शुक्लपक्ष है। इसमें लेखिका ने पाठक को अपने सत्य से साक्षात्कार कराने की विनम्र कोशिश तो की है, अपना खुद का निष्कर्ष तय करने की स्वतंत्रता भी दी है। - श्रीराम दवे, कार्यकारी संपादक समावर्तन