₹565.00
MRPGenre
Print Length
392 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2023
ISBN
9789386534491
Weight
472 Gram
अब कभी नहीं पैदा होगा इस धरती पर ऐसा आदमी। ऐसा निर्भीक, ऐसा समतावादी, ऐसा मानवता-प्रेम, ऐसा राम-भक्त और सबसे ऊपर ऐसा आशु-कवि जिसके मुख से दोहे और साखियाँ, रमैनी और उलटबांसियां झरने से निकलते जल की तरह झरती थीं- निर्बाध, निर्द्वंद्व, अनायास, अप्रयास।
देख कबीरा रोया संत कबीर के जीवन पर प्रामाणिक और पठनीय उपन्यास है जिसमें उनके जीवन और उनकी रचनाओं के विविध आयामों का अत्यंत रोचक एवं जीवंत प्रस्तुतिकरण है। इतने बृहत् फलक पर कबीर के कृतित्व एवं व्यक्तित्व का ऐसा चित्रण पहले कभी नहीं किया गया। भाषिक वैशिष्ट्य और शिल्पगत प्रयोग का अद्भुत मिश्रण इस पुस्तक को सरसता और प्रवाह प्रदान करता है।
0
out of 5