₹100.00
MRPPrint Length
454 pages
Language
Hindi
Publisher
Navajivan Trust
Publication date
1 January 2012
ISBN
9788172290504
चार या पांच वर्ष पहले निकटके साथियोंके आग्रहसे मैंने आत्मकथा लिखना स्वीकार किया था और उसे आरम्भ भी कर दिया था | किन्तु फुलस्केपका एक पृष्ठ भी पूरा नहीं कर पाया था की इतनेमें बम्बईकी ज्वाला प्रकट हुई और मेरा शुरू किया हुआ कम अधूरा रह गया | उसके बाद तो मै एकके बाद एक ऐसे व्यवसायोंमें फँसा कि अन्तमें मुझे यरवडाका अपना स्थान मिला |
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