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Aur Kitna Waqt Chahiye Jharkhand Ko? (और कितना वक्त चाहिए झारखंड को?)

Price: ₹ 700.00

Condition: New

Isbn: 9789350484579

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: History,

Publishing Date / Year: 2012

No of Pages: 282

Weight: 440 Gram

Total Price: 700.00

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झारखंड अलग राज्य तो बन गया, लेकिन राज्य गठन का जो उद‍्देश्‍य था, क्या वह पूरा हुआ? 12 सालों में यहाँ आठ सरकारें बनीं, चार मुख्यमंत्री बदले| कोई भी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई| आखिर इस राजनैतिक अस्थिरता की वजह क्या है? विकास की तमाम संभावनाओं के बावजूद विकास की गति ठहरी हुई है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है? झारखंड की आकांक्षाओं-आशाओं की कसौटी पर कसे विचारों का ज्ञानकोश है यह ग्रंथ| झारखंड में विकास के सारे दावे जनता को कागजी और छलावा क्यों लगते हैं? झारखंडी जनता के सपनों को फिर से जीवित करने का रास्ता क्या हो सकता है? विसंगतियों के बावजूद झारखंड विकसित राज्यों की सूची में पहले पायदान पर हो, यह सभी चाहते हैं-पर कैसे? समग्र महाबहस में राजनीति से लेकर सामाजिक स्तर पर एक-दूसरे के धुर विरोधियों ने एक मंच पर विकास प्रक्रिया और अवरोधों का काफी सटीक व‌िश्‍लेषण किया है| खामी कहाँ रह गई और इसका उपाय क्या है? नाकामी के कारणों का व‌िश्‍लेषण इतना गहन है कि इसको आधार बनाकर नए झारखंड का नया डेवलपमेंट रोडमैप तैयार किया जा सकता है| झारखंड की विफलता के कारण और उसके इलाज के प्रभावी नुस्खे पर यह पुस्तक पूरी तरह प्रकाश डालती है|